Foundation Course :- Yog and Dhaya (योग और ध्यान) BA,BSC,BCOM,BBA,BCA FIRST YEAR
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Monday, April 18, 2022
Foundation Course :-
Yog and Dhaya (योग और ध्यान)
BA,BSC,BCOM,BBA,BCA FIRST YEAR
Unit:-1
योग और यौगिक अभ्यासो का परिचय
1.योग: उत्पत्ति, परिभाषाएं, उद्देश्य, उद्देश्य और गलत धारणाएं
2.योग इसकी उत्पत्ति इतिहास और विकास
3.योग अभ्यास कर्ताओं द्वारा पालन किए जाने वाले नियम और विनिमय
4.योग प्रथाओं का परिचय
5.चक्कर में योग साधन में अर्थ उद्देश्य और उनका महत्व
6.योगिक शिथिलीकरण और सूर्य नमस्कार का परिचय
Unit:-2
श्वास अभ्यास और प्राणायाम
1. अनुभागीय स्वास् (पैट, थोरेसिक और क्लेविकलर)
2. योगिक गहरी श्वास
3. पूरक रेचक और कुंभक की अवधारणा
4. बंध और मुद्रा की अवधारणा
5. अनुलोम विलोम नाड़ी शोधन
6. शीतली एवं
7. भ्रामरी
Unit:-3
ध्यान अभ्यास
1. प्रणव मंत्र का पाठ
2. मंत्रों का पाठ मंगलाचरण और प्रार्थनाओं में
3. अंतर मोन
4. श्वास ध्यान
5. ओम ध्यान
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया जिसमें 35,985 लोगों और 84 देशों के लोगों ने दिल्ली के राजपथ में 21 आसन किए। जिसकी पहल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई। उन्होंने 27 सितंबर 2014 को महासभा के भाषण में इसके संदर्भ में कहा कि:
“योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।”
—नरेन्द्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को क्यों मनाया जाता है?
इसका कोई निश्चित कारण तो नहीं है परंतु कुछ विद्वानों द्वारा कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाए जाने के पीछे का कारण है कि 21 जून को दिन लंबा होता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है तथा देरी से अस्त होता है। इस दिन गर्मी अधिक होती है। तथा कुछ विद्वानों को कहना यह है कि शिव ने अपने शिष्यों को ग्रीष्म संक्रांति पर उपदेश दिए थे। 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी माना जाता है।
योग का अर्थ
योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के युजिर् धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-’सम्मिलित होना’ या ‘एक होना’। इस एकीकरण का अर्थ जीवात्मा तथा परमात्मा का एकीकरण अथवा मनुष्य के व्यक्तित्व के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा आध्यात्मिक पक्षों के एकीकरण से लिया जा सकता है।
‘योग’ शब्द ‘युज’ धातु से बना है। संस्कृत व्याकरण में दो युज् धातुओं का उल्लेख है, जिनमें एक का अर्थ जोड़ना तथा दूसरे का मन: समाधि, अर्थात् मन की स्थिरता है। अर्थात् सामान्य रीति से योग का अर्थ सम्बन्ध करना तथा मानसिक स्थिरता करना है। इस प्रकार लक्ष्य तथा साधन के रूप में दोनों ही योग हैं। शब्द का उपयोग भारतीय योग दर्शन में दोनों अर्थों में हुआ है।
योग कितने प्रकार के होते हैं
भारतीय योग शास्त्रियों ने योग को 8 प्रकार का बतलाया है-
1. हठयोग
2. लययोग
3. राजयोग
4. भक्तियोग
5. ज्ञानयोग
6. कर्मयोग
7. जपयोग
8. अष्टांगयोग
योग के प्रसिद्ध ग्रंथ
ग्रंथ रचनाकार
योगसूत्र पतंजलि
योगभाष्य वेदव्यास
तत्त्ववैशारदी वाचस्पति मिश्र
योगदर्शनम् स्वामी सत्यपति परिव्राजक
योगसूत्रवृत्ति नागेश भट्ट
भोजवृत्ति राजा भोज
हठयोगप्रदीपिका स्वामी स्वात्माराम
मणिप्रभा रामानन्द यति
जोगप्रदीपिका जयतराम
योगयाज्ञवल्क्य याज्ञवल्क्य
सूत्रवृत्ति गणेशभावा
सूत्रार्थप्रबोधिनी नारायण तीर्थ
योगचूडामण्युपनिषद –
घेरण्डसंहिता घेरण्ड मुनि
गोरक्षशतक गुरु गोरख नाथ
योगवार्तिक विज्ञानभिक्षु
