भारत में इंटरनेट के 1G
से 5G तक के विकास का क्रम
का सफर, कैसे बदली इंटरनेट
की तकनीक
साथियों इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे की भारत में इंटरनेट के
संपूर्ण विकास का 1G से लेकर 5G तक के विकास का क्रम कैसा रहा
भारत में इंटरनेट को 27 साल हो चुके हैं। भारत में 01 अक्टूबर 2022 को 5G सेवा की शुरुआत हो चुकी है।
आइए जानते हैं भारत में 2G से 5G तक का सफर कैसा और कितना लंबा रहा है।
2G की शुरुआत साल 1995 में हुई थी और 5जी की शुरुआत साल 2022 में
हुई
कंप्यूटर नेटवर्क क्या है? (What is a Computer Network)
जब एक या एक से ज्यादा कंप्यूटर को किसी माध्यम से आपस में कनेक्ट
किया जाता है या किसी जानकारी को शेयर किया जाता है तो उस टेक्नोलॉजी को हम
Network कह सकते हैं यह नेटवर्क दो तरह से हो सकता है तार रहित और तार सहित.
नेटवर्क 2 तरह से उपयोग किया जा सकता है पहला वायर से और दूसरा बिना वायर से.
वायर नेटवर्क की यदि बात कर रहे तो उसमें Fiber Optics Cable,
Coaxial Cable, Twisted Pair Cable मै से कुछ भी हो सकता है यदि वायरलेस नेटवर्क
कि यदि बात करे तो उसमें Bluetooth, radio wave, satellite or interface में से
कुछ भी हो सकता है.
G नेटवर्क किसे कहते हैं? (What is the G Network)
Mobile Network में G से आशय Generation से होता है. किसी भी
Generation को पहचानने के लिए G का उपयोग किया जाता है जैसे 1G, 2G, 3G, 4G और 5G.
1 से लेकर 5 तक सभी के पीछे G लगाने से आशय है वह Generation को बताता है कि आप
किस Generation का नेटवर्क उपयोग कर रहे हैं.
1जी नेटवर्क क्या है? (What is 1G Network)
1जी मोबाइल
टेलीफोनी की पहली जेनरेशन अर्थात पहली पीढ़ी है। यह एनालॉग सिग्नल पर आधारित तकनीक
थी और इसकी क्षमता बेहद ही कम थी। सबसे पहले सन् 1979 में 1जी तकनीक का उपयोग किया
गया था। जापान में निपॉन टेलीग्राफ एंड टेलीफोन कंपनी जिसे एनटीटी नाम से भी जाना जाता
है ने सबसे पहले लॉन्च किया था और 1980 के दशक में यह तकनीक काफी लोकप्रिय हुई।
1983 में इसे यूएस में लॉन्च किया गया। हालांकि मोटोरोला कंपनी के मार्टीन कूपर ने
1973 में ही मोबाइल फोन का आविष्कार कर लिया था लेकिन 1जी फोन का उपयोग 1980 के दशक
में शुरू हुआ। 1जी तकनीक खास कर वॉयस के लिए थी, जिसकी क्षमता सिर्फ 2.4केबीपीएस तक
की गति थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत से पहले पाकिस्तान में मोबाइल सेवा उपलब्ध
थी।
2जी नेटवर्क क्या है? (What is 2G Network)
2G Network की शुरुआत
मोबाइल की दुनिया में 1991 में हुई 2G Network को मोबाइल नेटवर्क की दुनिया की
दूसरी पीढ़ी (world second generation of mobile networks) कहा जाता है. इस
टेक्नोलॉजी में पहली टेक्नोलॉजी के मुकाबले काफी बदलाव देखने को मिले थे एक तरफ
जहां 1G Network मैं Analog network का उपयोग किया गया था जबकि 2G Network मैं
digital signal का उपयोग किया गया था. Gsm पर आधारित मोबाइल तकनीक फिनलैंड से
प्रारंभ हुई जबकि यूएसए में सीडीएमए का उपयोग किया गया था. 1G Network के माध्यम
से Tax message, Multimedia Message और Picture message सेंड नहीं किए जा सकते थे,
लेकिन 2G Network आने के बाद सिग्नल के माध्यम से अब फोन से Picture messages,
text messages and multimedia messages आसानी से सेंड और रिसीव किए जा सकते थे.
बैटरी कि यदि बात की जाए तो 1G की अपेक्षा 2G Network बैटरी की खपत बहुत ज्यादा ही
कम करता था.
2G Network आने के बाद
डेटा का उपयोग भी आसानी से किया जा सकता था लेकिन डेटा सुविधा मिलने के बाद भी इस
नेटवर्क में अपलोड और डाउनलोड की अधिकतम स्पीड 64Kbps तक ही सीमित थी, हालांकि 2G
Network में कई सुधार करते हुए 2.5 जी और 2.7 भी जिसमें Maximum Data Speed
256kbps हुआ करती थी. भारत में मोबाइल नेटवर्क की शुरुआत 2.5 G से हुई थी.
3जी नेटवर्क क्या है? (What is 3G Network)
3G technology को वायरलेस mobile
नेटवर्क की “3rd
Generation” कहतें है। यह वर्ष 2001 विकसित किया गया। 3g
टेक्नालजी विशेषकर मल्टिमीडिया सेलफोन के लिए बनाया गया जिन्हें आमतौर पर hindi मे
‘स्मार्टफोन’ कहते हैं। 3g network मे हाई स्पीड बैंडविड्थ और डाटा ट्रंजमिशन की
स्पीड पिछले 2g जेनेरेशन से ज्यादा 144 kbps से बढ़कर 2.05 mbps तक हुई, जिससे एक
साथ टेलीफोन कॉल, इंटरनेट चलाने, e-mail का आदान-प्रदान करने और आसानी से messages
को भेजने मदद मिला।
3rd generation मे ऑडियो और
वीडियो के कोडेक्स में नये फीचर्स आए जिसमे बेहतर वॉयस कॉलिंग क्वालिटी दी गयी। 3g
जेनेरेशन में वीडियो कॉल, टीवी स्ट्रीमिंग, 3d गेम्स, बड़ी फाइल्स को ट्रांसफर
करना, मल्टीमीडिया एप्लीकेशन, यूट्यूब, हाई डाटा स्पीड और बहुत सारी फीचर्स लांच
किए गए। 3g के आने के बाद ही कंपनियों ने नए-नए डाटा प्लान्स भी शुरू किये। ये बात
याद रहे जिस कैमरा वाले मोबाइल से हम Selfi लेते हैं वो 3G generation ही फ्रंट
फेसिंग कैमरा की देन है। 3G network को IMT-2000 के नाम से भी जाना जाता है।
4जी नेटवर्क क्या है?(What is 4G Network)
4G नेटवर्क मोबाइल की 4th generation वायरलेस कम्यूनिकेशन टेक्नॉलाजी
है। 4g वायरलेस टेक्नॉलाजी को hindi मे mobile network की ‘चौथी पीढ़ी’ कहते हैं,
जो वर्ष 2011 मे शुरू हुआ था। 4g network डाटा की स्पीड 3g से कई गुना ज्यादा हैं,
इसके नेटवर्क की अधिकतम स्पीड उच्च गतिशीलता संचार पर (जैसे कारों और ट्रेनों से)
100 mbps/sec है और कम गतिशीलता संचार पर (जैसे पैदल यात्री या स्थिर) स्पीड 1
Gbps/sec हैं।
4th generation के कई फ़ीचर्स 3G generation के समान है, क्योंकि यह
आपको इंटरनेट ब्राउज़ करने, ऑनलाइन गेम खेलने, डाउनलोड करने और वीडियो स्ट्रीम
करने के लिए हाई डेटा स्पीड उपयोग करने की अनुमति देता है, परन्तु यह सब 3G
नेटवर्क से बहुत फास्ट चलता है। 3g नेटवर्क की तुलना में 4g बैंडविड्थ की स्पीड
200 mbps ज्यादा है, जो एक हाई क्वालिटी मूवी डाउनलोड करने के लिए लगभग 5-6 मिनट
से कम समय लगता है। शुरुवात के दौर में 4g internet डेटा प्लान ज्यादा महंगे थे
लेकिन जिओ सिम आने के बाद 4G network का इस्तेमाल लोग बड़ी तेज़ी से उपयोग करना चालू
कर दिये।
5जी नेटवर्क क्या है? (What is 5G Network)
01
अक्टूबर 2022 को 5G सेवा की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया
मोबाइल कांग्रेस (IMC 2022) के छठे एडिशन में 5जी सर्विस का शुभारंभ किया। पहले
फेज में 13 शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम,
हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे में 5G कनेक्टिविटी शुरू की जा रही
है।
5G का अर्थ 5th Generation नेटवर्क से है. 5जी तकनीक एक तरह की वायरलेस
कनेक्टिविटी है, जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम यानी रेडियो वेव (रेडियो तरंगों)
का इस्तेमाल होता है. यह मोबाइल नेटवर्क की एक नयी टेक्नोलॉजी है और पिछले सभी नेटवर्क
जेनरेशंस के मुकाबले 5जी नेटवर्क की वायरलेस डेटा क्षेत्र में काफी बड़ी भूमिका होगी.
5G या पांचवीं जनरेशन (Fifth Generation) लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) में एक अपग्रेड
है. 5जी में फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी, इसका नेटवर्क भी बढ़िया होगा. 5जी तीन बैंड्स
में काम करता है- लो बैंड, मिड और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड स्पेक्ट्रम. हाल ही में इन्हीं
की नीलामी संपन्न हुई है. तीनों बैंड के अपने-अपने काम और फायदे हैं. Low
Frequency में 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज,
1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज आते हैं, जो लगभग 4G जैसा ही है.
इसके बाद Medium Frequency में 3300 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी आती है. वहीं, High
Frequency में 26 गीगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी आती है.
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