#कृत्रिम सूर्य
■हाल ही में दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों द्वारा परमाणु संलयन अनुप्रयोग
में प्लाज्मा अवस्था में 48 सेकंड के लिये 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस के तापमान को
बनाए रखते हुए एक नए विश्व रिकॉर्ड की घोषणा की।
■यह सूर्य की कोर से सात गुना अधिक तापमान है।
■यह उपलब्धि परमाणु संलयन द्वारा स्वच्छ ऊर्जा के दोहन हेतु एक महत्त्वपूर्ण
मील का पत्थर है, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर सूर्य की कोर के बराबर तापीय ऊर्जा उत्पादित
करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
■टोकामेक (इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER))
वर्ष 1985 में लॉन्च किया गया 35 देशों का एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसमें भारत भी
सदस्य है।
■यह फ्राँस में स्थित है।
■यह बड़े पैमाने पर कार्बन-मुक्त ऊर्जा स्रोत के रूप में परमाणु संलयन
की क्षमता को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है।
■कोरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूजन एनर्जी (KFE) में
KSTAR रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर सी-वू यून ने कहा कि भविष्य के न्यूक्लियर फ्यूजन
रिएक्टर्स की सफलता के लिए हाई टेंपरेचर और हाई डेंसिटी प्लाज्मा को मेंटेन रखना महत्वपूर्ण
है।
■श्री यून ने सीएनएन को बताया , "उच्च तापमान प्लाज्मा की
अस्थिर प्रकृति" के कारण उस तापमान पर बिताए गए समय को बढ़ाना मुश्किल था, जिससे
नया रिकॉर्ड एक महत्वपूर्ण कदम बन गया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अब 2026 तक
300 सेकंड के लिए 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस के प्लाज्मा तापमान को बनाए रखने का लक्ष्य
रखेंगे।

