117 साल(1906-2023)
में
कुल
छह बार बदला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज,
जानें
आजादी से पहले के भारतीय झंडों (राष्ट्रीय ध्वज) की कहानी
15 अगस्त, 2023 सोमवार को देश की आजादी को 76 वर्ष पूरे हो रहे हैं। और 77 में वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं इस अवसर पर बीते एक साल यानी 15 अगस्त, 2021 से ही पूरे हिंदुस्तान में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के तहत हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है।
गांव-गांव, शहर-शहर लोगों से अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराने की अपील की गई है। लेकिन इस तिरंगे के पीछे की कहानी बहुत लंबी है।
बीते 116 साल में छह बार देश का झंडा बदला गया है। हालांकि, ये बदलाव आजादी मिलने तक ही हुए कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज की इस यात्रा में क्या-क्या अहम पड़ाव रहे और कब-कब, क्या-क्या बदलाव हुए। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में आखिरी बदलाव 1947 में हुआ था, उस वक्त इसे तिरंगे का नाम भी दिया गया। आइए जानते हैं भारतीय राष्ट्रीय ध्वज से तिरंगे तक का सफर
1906 में मिला था पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
1906 में देश का पहला प्रस्तावित झंडा सामने आया। जिसे 07 अगस्त, 1906 को पारसी बागान चौक, कलकत्ता (अब ग्रीन पार्क, कोलकाता) में फहराया गया था। इस झंडे में तीन - हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियां थीं। इसमें ऊपर की हरे रंग वाली पट्टी में आठ कमल के फूल थे, जिनका रंग सफेद था। बीच की पीली पट्टी में नीले रंग से वन्दे मातरम् लिखा हुआ था। इसके अलावा सबसे नीचे वाली लाल रंग की पट्टी में सफेद रंग से चांद और सूरज के चित्र अंकित थे।
चित्र :- 1906 का पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
1907 में मिला था दूसरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
पहले ध्वज को मिले हुए एक साल ही हुआ होगा कि 1907 में देश का दूसरा नया झंडा प्रस्तावित किया गया। पहले पहले झंडे में कुछ बदलाव करके मैडम भीकाजीकामा और उनके कुछ क्रांतिकारी साथियों, जिन्हें निर्वासित कर दिया गया था, ने मिलकर पेरिस में भारत का नया झंडा फहराया था। यह झंडा भी देखने में काफी हद तक पहले वाले के जैसा ही था। लेकिन इसमें केसरिया, पीले और हरे रंग की तीन पट्टियां थी। बीच में वन्दे मातरम् लिखा था। वहीं, इसमें चांद और सूरज के साथ आठ सितारे भी बने थे
चित्र :- 1907 का दूसरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
1917 में एनी बेसेंट और तिलक ने फहराया
तीसरा राष्ट्रीय ध्वज (नया झंडा)
अभी करीब एक दशक का ही समय बीता था कि 1917 में देश के लिए एक और नया झंडा प्रस्तावित किया गया। इस नए ध्वज को डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया था। तीसरी बार में प्रस्तावित हुए इस नए झंडे में पांच लाल और चार हरे रंग की पट्टियां थीं। झंडे के अंत की ओर काले रंग में त्रिकोणनुमा आकृति बनी थी। वहीं, बाएं तरफ के कोने में यूनियन जैक भी था। जबकि एक चांद और तारे के साथ, इसमें सप्तऋषि को दर्शाते सात तारे भी शामिल किए गए थे।
चित्र :- 1917 का तीसरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
1921 में चौथी बार बदला भारत के लिए
प्रस्तावित राष्ट्रीय ध्वज
करीब चार साल ही बीते होंगे कि 1921 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने महात्मा गांधी को एक झंडा दिया था, यह हरे और लाल रंग का बना हुआ था। गांधीजी को यह पसंद आया और उन्होंने इसमें कुछ बदलाव करवाए। उन्होंने इसमें सफेद रंग की एक पट्टी और जुड़वाई थी। वहीं, देश के विकास को दर्शाने के लिए बीच में चलता हुआ चरखा भी दर्शाया गया। तब कहीं जाकर इसे आजाद भारत के ध्वज के लिए स्वीकार किया गया।
चित्र :- 1921 चौथी बार प्रस्तावित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में चरखा शामिल किया गया।
एक दशक बाद 1931 में पांचवी बार फिर
बदला प्रस्तावित राष्ट्रीय ध्वज
आजाद भारत की पहचान के लिए प्रस्तावित झंडा 1931 में एक बार फिर
से बदला गया। नए प्रस्तावित झंडे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग और आखिर
में हरे रंग की पट्टी बनाई गई थी। इसमें बीच की सफेद पट्टी में छोटे आकार में पूरा
चरखा भी दर्शाया गया था। सफेद पट्टी में चरखा राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक बताया गया।
इस नए झंडे को इंडियन नेशनल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर अपनाया था।
चित्र :- 1931 पांचवी बार प्रस्तावित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में चरखा और तिरंगा शामिल किया गया।
1947 में देश को मिला तिरंगा
तमाम प्रयासों के बाद आखिरकार जब 1947 में देश आजाद हुआ तो देश को तिरंगा झंडा मिला। 1931 में बने झंडे को ही एक बदलाव के साथ 22 जुलाई, 1947 में संविधान सभा की बैठक में आजाद भारत का नया राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया गया। इस ध्वज में चरखे की जगह मौर्य सम्राट अशोक के धर्म चक्र को गहरे नीले रंग में दिखाया गया है। 24 तीलियों वाले चक्र को विधि का चक्र भी कहते हैं। इस ध्वज को पिंगली वैंकेया ने तैयार किया था। इसमें ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग की पट्टी है। तीनों समानुपात में है। इसकी लंबाई-चौड़ाई दो गुणा तीन है।
चित्र :- 1947 छठी बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में 24
तीलियों वाले चक्र और तिरंगा शामिल किया गया।







