सूरज के बारे में कुछ और रोचक बातें
Interesting Facts about Sun in Hindi
सूर्य का व्यास कितना है
सूरज हमारे सौरमंडल के
केंद्र में स्थित एक तारा है जिसके चारों ओर पृथ्वी सहित सौरमंडल के अन्य ग्रह
चक्कर लगाते हैं। सूरज का व्यास लगभग 1400000 किलोमीटर है जो पृथ्वी का 109 गुना
अधिक है। सूर्य हमारी धरती से देखने पर ज्यादा बड़ा नहीं लगता क्योंकि वह हमसे बहुत
दूर है। पृथ्वी से इसकी दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
सूर्य में कितनी पृथ्वी समा सकती
है
दोस्तों हमारा सूरज इतना
विशाल है की इसके अंदर 1300000 पृथ्वी समा सकती अगर सूरज का आकार एक फुटबॉल जितना
और जुपिटर का एक गोल बॉल जितना कर दिया जाए तो हमारी धरती एक मटर के दाने से भी कम
होगी।
सूरज के अंदर क्या है?
धरती की तरह सूर्य ठोस
नहीं है यह सारा का सारा गेसो और प्लाज्मा का बना हुआ है। सूर्य के अंदर हाइड्रोजन
74%, हीलियम 24% बाकी दो परसेंट में लोहा, निखिल, ऑक्सीजन, सिल्कन, सल्फर,
मैग्नीशियम, कार्बोनेट कैल्शियम और नियोन जैसे तत्व मौजूद है।
दोस्तों हमने बचपन में पदार्थ की तीन अवस्थाओं के बारे में जरूर पढ़ा होगा जो ठोस, द्रव और गैस होती है इनके अलावा प्लाज्मा भी पदार्थ कि एक अवस्था होती है जिसके गुण ठोस, द्रव और गैस से एकदम भिन्न होते हैं, ईसका कोई आकार या वॉल्यूम फिक्स नहीं होता । गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक प्लेमेंट या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है। दोस्तों सूरज की मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति सौरमंडल में विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी सहित अन्य ग्रह को इसकी तरफ कीचके रखती है।
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल कितना
है
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल
धरती से 28 गुना ज्यादा है। मतलब अगर धरती थी पर आपका वजन 50 किलोग्राम है तो सूरज
पर आपका वजन 1400 किलोग्राम होगा। अगर मान लें कि सूर्य की चमक एक दिन धरती पर ना
पहुंचे तो धरती कुछ ही घंटों में बर्फीले पहाड़ों से पूरी तरह जम जाएगी और बर्फ के
ढेर में तब्दील हो जाएगी। हमारा सूर्य सौरमंडल की कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86%
समाई हुई है बाकी केबल 1.4% में ही धरती और अन्य ग्रह आते हैं। दोस्तों हमारे
सौरमंडल में आठ ग्रह और 166 उपग्रह है। इसके अलावा बहुत सारे बौने ग्रह, उपग्रह और
ढेर सारी उल्कापिंड है। फिर भी इन सब को अगर जोड़ दिया जाए तो यह सूर्य के आगे कुछ
भी नहीं।
सूर्य किसकी परिक्रमा करता है
जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य
ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज हमारी आकाशगंगा की परिक्रमा करता
है। ये हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के केंद्र में लगभग 30000 प्रकाश वर्ष दूर एक
कोने पर स्त्तित है। सूरज हमारी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर 251 किलोमीटर
प्रति सेकंड की गति से परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करने में 22 से 25 करोड़
लग जाते हैं।
सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक कितने
समय में पहुंचता है
दोस्तों हम जानते हैं कि प्रकाश
की चाल सबसे ज्यादा होती है। सूरज से हमारी पृथ्वी इतनी अधिक दूर होने के बावजूद
सूरज की रोशनी को हमारी पृथ्वी पर आने में सिर्फ 8 मिनट 17 सेकंड का समय लगता है।
सूरज की किरणों की गति 300000 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। इसका मतलब सूर्य की
किरणें एक साल में जीतनी दूरी तय करती है वहीं दूरी एक प्रकाश वर्ष कहेलाती है। एक
प्रकाश वर्ष बराबर 94 खरब 60 अरब 52 करोड़ 84 लाख 5 हजार किलोमीटर होता है।
सूर्य एक चक्कर कितने दिन में पूरा
करता है
दोस्तों जैसे हमारी धरती
अपनी धुरी के समक्ष 24 घंटे में चक्कर पूरा करती इसी तरह सूर्य अपनी धुरी के समक्ष
25.6 दिनों में एक चक्कर पूरा करता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हर 11 साल
में सूर्य के ध्रुव बदल जाते यानी उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव रूप बन जाता है और
दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव। ऐसा क्यों होता है यह अभी तक वैज्ञानिक पता नहीं कर
पाए हैं।
सूरज को ऊर्जा कहां से मिलती है
अन्य तारों की तरह ही
सूर्य मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का बना एक विशाल गोला है। सूर्य
ऊर्जा अपने केंद्र में ही पैदा करता है इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहा जाता है
इस ऊर्जा को सतह तक आने में लाखो वर्ष लग जाते हैं। सूर्य से निकली ऊर्जा का 2 अरब
वा हिस्सा ही पृथ्वी तक पहुंचता पाता है जिसमें से 15% अंतरिक्ष में परावर्तित हो
जाती बाकी बची ऊर्जा में से 30% पानी को भाप बनाने में काम आती है और बहोत सी
ऊर्जा पेड़-पौधों और समुद्र के द्वारा सोख ली जाती है।
1. यदि सूर्य का आकार फुटबॉल जितना
बड़ा है और बृहस्पति ग्रह का एक बॉल जितना बड़ा तो धरती का आकार एक मटर
के आकार से भी कम होगा.
2.
सूर्य 74% हाइड्रोजन और 24% हीलियम से बना है और बाकी का हिस्सा कहीं भारी तत्व
जैसे ऑक्सीजन कार्बन लोहे और नियॉन से बना है.
3.
सूर्य का बाहरी सतह का तापमान 5500 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि अंदरूनी भाग का
तापमान 13100000 डिग्री सेल्सियस होता है.
4.
सूर्य भारी मात्रा में सौर हवाई उत्पन्न करता है. जिसमें इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन
जैसे कण होते हैं यह हवाई इतनी तेज और शक्तिशाली होती है कि इसमें मौजूद
इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन सूर्य के शक्तिशाली गुरुत्व से भी बाहर निकल जाते हैं. धरती
जैसे शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रह धरती के पास पहुंचने से पहले ही मोड़
देते हैं. ध्यान दें चुंबकीय क्षेत्र मोड़ता है वायुमंडल नहीं.
5.
सूर्य के अंदरूनी भाग का दबाव धरती के वायुमंडल की दबाव से 340 अरब गुना ज्यादा
होता है.
6.
सूरज के केंद्र से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसे इसकी सतह तक आने के लिए 50000000
साल लगते हैं.
7.
यदि सूर्य के केंद्र से एक पनीर के टुकड़े जितने भाग को धरती की सतह पर रख दिया
जाए तो तो कोई भी चट्टान और कई चीजें इसे धरती के 150 किलोमीटर अंदर तक दांत धसने
से नहीं रोक सकता.
8.
सूरज की सतह का क्षेत्रफल धरती के क्षेत्रफल से 11990 गुना ज्यादा है.
9.
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण धरती से 28 गुना ज्यादा है. मतलब कि अगर धरती पर आपका वजन
60 किलो है तो सूर्य पर यह है 1680 किलोग्राम होगा.
10.
धरती की तरह सूर्य ठोस नहीं है यह सारा का सारा गैस से बना हुआ है.
11. सूर्य का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली है कि छह अरब किलोमीटर दूर प्लूटो ग्रह
भी इसके गुरुत्वाकर्षण के कारण अपने कक्ष में घूम रहा है.
12.
प्रकाश सूर्य से प्लूटो तक पहुंचने में 5 घंटे 30 मिनट लेता है.
13.
जैसे हमारी धरती अपने ध्रुव के समक्ष 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है ऐसे ही
सूर्य 25 दिन में एक चक्कर पूरा करता है.
14.
सूर्य के 1 वर्ग सेंटीमीटर से जितनी उर्जा पैदा होती है इतनी ऊर्जा 100 वाट के 64
बल्ब को जलाने के लिए काफी होगी.
15.
सूर्य की कितनी उर्जा धरती तक पहुंचती है इतनी ऊर्जा संपूर्ण मानव द्वारा खपत से
6000 गुना ज्यादा होती है.
16.
धरती पर हर जगह 360 दिनों में एक बार सूर्य ग्रहण जरूर दिखता है. साल में ज्यादा
से ज्यादा 5 बार ही सूर्य ग्रहण लगता है सूर्य ग्रहण 4 मिनट 40 सेकंड तक रहता है
मगर संपूर्ण सूर्य ग्रहण 20 मिनट तक चलता है.
17.
अब से 5 अरब साल बाद सूरज अब से 40% ज्यादा चमकने लगेगा और सारा सागर का पानी
जलवाष्प बनकर आकाश में उड़ जाएगा.
18.
अब से 7 अरब 70 करोड़ साल बाद सूर्य लाल दानव का रूप धारण कर लेगा यह लगभग 200
गुना बड़ा हो जाएगा और बुध ग्रह तक पहुंच जाएगा.
19.
7 अरब 90 करोड़ साल बाद सूर्य एक सफेद बोने मैं बदल जाएगा तब इसका आकार सिर्फ
शुक्र करो जितना बड़ा होगा.
20.
दोस्तों संस्कृत भाषा में सूर्य के 108 नाम वर्णित किए गए हैं.


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